पवित्र विचारों का प्रवाह ही , मधुर व प्रभावशाली वाणी का , मूल स्त्रोत है I Baba Ramdev
यदि बचपन व माँ की कोख की याद, हमें रहे तो , हम कभी भी माँ-बाप के , खिलाफ नहीं हो सकते I Baba Ramdev
सुख बाहरी दुनिया से नहीं, हमारे भीतर से आता है I Baba Ramdev
माता-पिता के चरणों में ही चारों धाम हैं , माता-पिता इस धरती के भगवान हैं I Baba Ramdev
विचारवान व संस्कारवान मनुष्य ही , अमीर व महान होता है , तथा विचारहीन मनुष्य कंगाल , और दरिद्र होता है I Baba Ramdev
बुढापा आयु नहीं , विचारों का परिणाम है I Baba Ramdev
विचारों की अपवित्रता ही हिंसा, अपराध, क्रूरता, शोषण, अन्याय, अधर्म और भ्रष्टाचार का कारण है I Baba Ramdev
सदविचार ही सदव्यवहार मूल है I Baba Ramdev
हमारे सुख-दुःख का कारण , दूसरे व्यक्ति या परिस्थितियाँ नहीं , अपितु हमारे अच्छे या बूरे विचार होते हैं I Baba Ramdev
प्रेम, वासना नहीं उपासना है , वासना का उत्कर्ष प्रेम की हत्या है, प्रेम समर्पण एवं विश्वास की परकाष्ठा है I Baba Ramdev
आरोग्य रहना हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है I Baba Ramdev
जहाँ मैं और मेरा जुड़ जाता है , वहाँ ममता, प्रेम, करुणा , व समर्पण होता हैं I Baba Ramdev